सीएनजी गैस मदर डिपो इलेक्ट्रिक बसों के फेर में फंस गया है

ऊना
suspense over CNG depot at una.

करोड़ों की लागत से जिला ऊना में प्रस्तावित सीएनजी गैस मदर डिपो इलेक्ट्रिक बसों के फेर में फंस गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सरकार को रोहतांग दर्रे पर चलने वाली बसों को डीजल की बजाय सीएनजी में तबदील करने के निर्देश दिए हैं। सीएनजी डिपो के लिए टाहलीवाल के बाथू-बाथड़ी में जमीन संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।

सूत्र बताते हैं कि परिवहन मंत्री जीएस बाली के 35 नई इलेक्ट्रिक बसों की खरीद संबंधी बयान के चलते यह प्रोजेक्ट अधर में लटक गया है। हालांकि, विभाग ने इसकी फाइल को बाकायदा मंजूरी दे दी है। बाथड़ी में स्थापित होने वाले सीएनजी के मदर डिपो के लिए 18 करोड़ का बजट रखा है। इसे केंद्र और प्रदेश विभिन्न हिस्सेदारी में वहन करेगा।

बाथड़ी में पहुंच चुकी है लाइन
बाथू-बाथड़ी औद्योगिक क्षेत्र प्रदेश का एक मात्र ऐसा औद्योगिक क्षेत्र है, जहां सीएनजी की गैस पाइपलाइन सबसे पहले पहुंची है। बाकायदा तीन बड़े उद्योगों ने सीएनजी कनेक्शन भी लिए हैं। मल्टी नेशनल कंपनी नेस्ले के अलावा क्रिमिका और प्रीतिका उद्योग शामिल हैं। लघु, सामान्य उद्योग निगम के निदेशक पवन ठाकुर ने कहा कि विभाग ने जमीन संबंधी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। प्रोजेक्ट कहां रुका है, यह सरकार ही बता सकती है।

उद्योग मंत्री मुकेश अग्निहोत्री का कहना है कि बाथू और बाथड़ी में सीएनजी पाइपलाइन पहुंचना गर्व की बात है। उद्योग विभाग ने औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। बसों के संचालन का मामला परिवहन विभाग समेत सिविल सप्लाई कॉरपोरेशन के अधीन है।

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